लेखनी ,# कहानीकार प्रतियोगिता # -01-Jul-2023 मेरा बाप मेरा दुश्मन भाग 10
मेरा बाप मेरा दुश्मन (भाग 10 )
अब तक के भागौ में आपने पढा कि तान्या व विशाल भागकर शादी करते हैं। उनके एक बेटी रमला जन्म लेती है । तान्या को खबर मिलती है कि उसके घर से भाग जाने के बाद उसके मम्मी पापा ने आत्महत्या करली है। वह इसका दोषी स्वयं को मानती है इसी टैन्शन में उसको ट्यूमर होजाता है। और उसकी मौत होजाती है।
इसके बाद विशाल रमला के पालन पोषण के लिए दूसरी शादी कर लेता है। उसकी दूसरी पत्नी का नाम सारिका है। आगे की कहानी इस भाग में प्रस्तुत है।
सारिका की सुहागरात के बाद भी उसके पति में कोई बदलाव नहीं हुआ था। वह सारिका को हर रोज बुरी तरह परेशान करता था।
वह उसके साथ अप्राकृतिक तरीके से सम्बन्ध बनाता था मना करने पर उसे प्रताडि़त करता था।
परन्तु विशाल ने कभी भी उसकी इच्छा के विपरीत कोई काम नहीं किया था। इसलिए सारिका सुखी जीवन गुजार रही थी।
इसी बीच सारिका माँ बनने वाली होगयी। विशाल भी उसका ध्यान रखने लगा। वह उसको कोई ऐसा काम नहीं करने देता था जिससे सारिका को कोई परेशानी का सामना करना पडे़।
सारिका ने एक बेटे को जन्म दिया।बेटे के जन्म लेते ही विशाल व सारिका दौनौ के जीवन में आनन्द की गंगा बहने लगी।
अब सारिका व विशाल दौनौ का प्यार बेटे की तरफ बढ़ने लगा। सारिका का आकर्षण भी अब अपने बेटे आकृत की तरफ ज्यादा बढ़ने लगा और वह रमला का प्यार कम होने लगा।
रमला अब बडी़ होरही थी । वह इन बातौ को समझने लगी थी। उसको इस बात का अहसास होने लगा था कि पापा व मम्मी अब उससे दूर होते जारहे है। उसकी सौतेली माँ अपने बेटे आकृत से ज्यादा प्यार करती है।
रमला का इन बातौ का बुरा प्रभाव पडा़ वह पहले से जिद्दी तो थी ही अब वह भटकने लगी। पन्द्रह सोलह साल की उम्र में यदि कोई समझाने वाला न मिले तब युवक व युवतिया भटक कर गलत राह पर चलने लगते है।
ऐसा ही रमला के साथ हौने लगा क्यौकि सारिका ने अपने बेटे के प्यार की ममता के कारण उसका खयाल रखना छोड़दिया था। और विशाल रात को आकर आकृत के साथ ही रहता था जिससे रमला उन दोनौ से अलग थलग पड़गयी।
अब रमला अकेली सोचती रहती थी। खाली दिमाग शैतान का घर होजाता है। रमला का दिमाग शैतानी की तरफ दौड़ने लगा।
रमला की दोस्ती में अधिकतर शैतान लड़के व लड़किया ही शामिल थी। वह लड़के व लड़किया बडे़ घरौ से थे। उनको खर्च करने को ढेर सारा पैसा मिलता था। वह सभी इस तरह पढा़ई की जगह मस्ती करते थे।
इन बडे़ घराने के लड़के बुरी संगत में रहकर नशा करना जुआ खेलना और लड़कियौ को छेड़ना था। इसी गुट में रमला शामिल होचुकी थी।
विशाल ने उसकी तरफ ध्यान देना छोड़दिया था वह अब ज्यादा आकृत के साथ ही रहता था। और उसको ही प्यार करता था।
सारिका का स्वभाव भी बदलता जारहा था। वह भी अपने बेटे की देखभाल में ही ब्यस्त रहती थी अब उसने रमला का ध्यान रखना ही बन्द कर दिया था।
एक बार विशाल ने सारिका को रमला के बिषय में पूछा तब यह बोली कि अब वह बडी़ होगयी है अपना ध्यान स्वयं कर लेगी ।
विशाल ने भी आगे कुछ नहीं बोला क्यौकि अब विशाल का ज्यादा झुकाव अपने बेटे आकृत की तरफ होता जारहा था।
विशाल पर अब सारिका के रूप का जादू भी चल रहा था क्यौकि बेटे के जन्म के बाद सारिका के सौन्दर्य में बहुत निखार आगया था जिससे विशाल की आसक्ति बढ़ती जारही थी।
सारिका भी उसको अपने सुन्दरता के जाल में फसाकर रखना चाहती थी। और वह इसमें कामयाब भी होती जारही थी। अब विशाल भी रमला की बुरी आदतौ से परेशान होता जारहा था।
रमला रात को घर बहुत लेट आती थी। कभी कभी तो वह घर आती ही नही थी। सारिका का एक दूर का रिश्तेदार सारिका के पास आने लगा था। उसका नाम विकास था।
विकास ने रमला पर डोरे डालने शुरू कर दिये थे। वह रमला के साथ सम्बन्ध बनाना चाहता था। एक दिन उसने रमला को अकेला पाकर उससे प्यार का इजहार करना चाहा।
वह रमला से बोला," रमला I Love You."
रमला उसकी बात सुनकर पहले बहुत हसी और फिर उसके गाल पर एक थप्पड़ मारकर बोली," मिस्टर कभी आईने में अपनी शक्ल भी देखी है । भूतौ जैसी शक्ल है और कहता है I Love You. इसका मतलब भी समझता है। मुझसे प्यार करना है तो पहले मरना पडे़गा और दूसरा जन्म लेना पडे़गा। "
विकास थप्पड़ खाकर भी कुछ भी नहीं बोला। उसने सोचा दूध वाली गाय की दो लात भी खानी पड़ती है। इसलिए वह आज थप्पड़ खाकर भी चुप रह गया।
वह सारिका से बोला," दीदी तेरी सौतेली बेटी तो मिर्ची से भी तेज है। "
सारिका बोली ," क्यौ ? क्या होगया ? "
विकास ने थप्पड़ वाली बात सारिका को नहीं बताई।
वह बोला," कुछ नही !"
अब विकास रमला की कोई कमजोरी ढूढ़ने लगा। और वह सारिका के पास जल्दी जल्दी आने लगा था। और वह रमला को किसी भी तरह पाना चाहता था
रमला भी विकास को बार बार आता देखकर अपने पापा से बोली," पापा यह विकास आजकल बहुत आता है । आप इससे मना क्यौ नहीं करते हो। "
विशाल बोला," तुझे क्या परेशानी होरही है । वह सारिका का भाई है । भाई अपनी बहिन के पास तो आयेगा ही। "
रमला बोली," पापा यह आदमी ठीक नहीं है। मुझे इसका आना पसन्द नहीं है। "
रमला अपने पापा से ज्यादा कुछ नहीं बोली।वह समझ गयी कि पापा उसकी ही बात मानेगें। इसलिए उसने चुप रहना ही ठीक समझा।
नोट :- कृपया आगे की कहानी भाग 11 में पढ़ने का कष्ट करें। धन्यवाद।
Sushi saxena
12-Jul-2023 10:58 PM
👏👌
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Varsha_Upadhyay
12-Jul-2023 08:42 PM
शानदार भाग
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Gunjan Kamal
09-Jul-2023 12:03 PM
कहानी अच्छे तरीके से बढ़ रही है 👌👏🙏🏻
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